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तब कोई बात बनें

मेरी डायरी के पन्ने
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दिल कि सदा खुदा को सुनाई दे,
तब कोई बात बनें,
हाकिम नहीं, मेरे मर्ज कि तू दवाई दे,
तब कोई बात बनें ।
तू बदनाम तो है पुरे शहर में,
मेरे नाम से पर,
तेरे दिल में भी मेरा प्यार दिखाई दे,
तब कोई बात बनें ।।
पगली तू मेरे साये में दिखाई दे,
तब कोई बात बनें,
मैं कहूं और सिर्फ तुझे सुनाई दे,
तब कोई बात बनें ।
मुझे मालूम है यार,
तेरे दिल कि आरजू लेकिन,
वो तू मेरे सामने कहती दिखाई दे,
तब कोई बात बनें ।।
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